நானோ டிஏபி
  • துல்லியம் மற்றும் 

    நிலைத்ததன்மையுள்ள  

    வேளாண்மையை ஊக்குவித்தல்

  • சுற்றுச்சூழல் மாசுபாட்டைக் 

    குறைத்தல் & காலநிலை 

    மாற்றத்தை எதிர்கொள்ளுதல்.

  • பயிர்களுக்கு  

    ஊட்டச்சத்து கிடைப்பதை  

    அதிகரித்தல்.

நாங்கள் நம்புகிறோம் நிலைத்தன்மை

IFFCO Business Enquiry

இஃப்கோ நானோ டிஏபி

இஃப்கோ நானோ டிஏபி என்பது நானோ தொழில்நுட்ப அடிப்படையிலான புரட்சிகர வேளாண் இடுபொருள் ஆகும், இது பயிர்களுக்கு நைட்ரஜன் மற்றும் பாஸ்பரஸை வழங்குகிறது. நானோ டிஏபி என்பது உழவர்களுக்கு அறிவார்ந்த வேளாண்மைப் பண்பாடாகவும், பருவநிலை மாற்றத்தை எதிர்கொள்வதற்குமான ஒரு நிலையான தேர்வாகும். நானோ டிஏபி என்பது தாவரங்களுக்கு உயிரியாகக் கிடைக்கிறது, ஏனெனில் அதன் நுண்துகள் அளவு (<100 என்எம்), அதிக பரப்பளவு மற்றும் நீர்த்துளி வடிவில் தடினமான டிஏபி நீர்மத்தில் அதிக துகள்கள் உள்ளன.

फ़ायदे

TEMPI E DOSAGGIO DI APPLICAZIONE

L'applicazione di Nano DAP liquido come trattamento di semi o radici seguita da uno o due spray fogliari nelle fasi critiche della crescita può comportare una riduzione del 50-75% dell'applicazione DAP standard alle colture.

Nota: la dose e la quantità di Nano DAP (liquido) dipendono dalla dimensione del seme, dal peso e dal tipo di coltura

CERTIFICATIONS

IFFCO Nano DAP is in approved product both national and internationally

சான்றுகள்

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

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  • नैनो डीएपी (तरल) क्या है?

    नैनो डीएपी (लिक्विड) एफसीओ (1985), भारत सरकार के तहत 2 मार्च 2023 को अधिसूचित किया गया एक नया नैनो उर्वरक है। नैनो डीएपी फॉर्मूलेशन में नाइट्रोजन (8.0% N w/v) और फास्फोरस (16.0% P2O5 w/v) हैं।

  • नैनो डीएपी (लिक्विड) के क्या फायदे हैं?


    •    नैनो डीएपी (तरल) स्वदेशी और बिना सब्सिडी वाला(रियायती) उर्वरक है
     
    •    यह सभी फसलों के लिए उपलब्ध नाइट्रोजन (N) और फास्फोरस (P2O5) का एक कार्यक्षम स्रोत है। यह खड़ी फसलों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी में सुधार करता है

    •    खेत की इष्टतम स्थितियों के तहत पोषक तत्व उपयोग दक्षता 90 प्रतिशत से अधिक है

    •    प्रारंभिक अंकुरण और ओज के लिए बीज प्राइमर के रूप में फायदेमंद, फसल की वृद्धि और गुणवत्ता को बढ़ाता है, फसल की उपज को बढ़ाता है

    •    यह पारंपरिक डीएपी से सस्ता है और किसानों के लिए किफायती है

    •    फास्फेटिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के कारण हो रहे मिट्टी, हवा और पानी के प्रदूषण को कम करता है

    •    जैव सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल, अवशेष मुक्त कृषि के लिए उचित 
     

  • नैनो डीएपी (तरल) का उपयोग कैसे करते हैं?

    (A)बीज उपचार:- नैनो डीएपी @ 3-5 मिली प्रति किलोग्राम बीज को आवश्यक मात्रा में पानी में घोलकर 20-30 मिनट के लिए छोड़ दें, ताकि बीज की सतह पर नैनो डीएपी की परत चढ़ जाएगी; इसके बाद छाया में सुखाकर फिर बुआई कर दें।

    (B)जड़ / कंद / सेट उपचार: -नैनो डीएपी @ 3-5 मिली प्रति लीटर पानी में डालें। आवश्यक मात्रा में नैनो डीएपी घोल में अंकुर की जड़ों / कंद / सेट को 20-30 मिनट के लिए डुबोएं। इसे छाया में सुखाकर रोपाई करें।

    (C)पत्तों पर छिड़काव:- अच्छे पत्ते आने की अवस्था में (जुताई/शाखाएँ आने के समय) नैनो डीएपी @ 2-4 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें। 
    दीर्घकालीन और उच्च फास्फोरस की आवश्यकता वाली फसलों में फूल आने से पहले की अवस्था में एक अतिरिक्त छिड़काव किया जा सकता है।

  • यदि नैनो डीएपी के छिड़काव के बाद बारिश हो जाये तो क्या करें?

    यदि पत्तों पर छिड़काव के 12 घंटे के में बारिश हो जाये, तो फिर से छिड़काव करने की सिफारिश की जाती है

  • क्या हम मिट्टी में या ड्रिप के माध्यम से नैनो डीएपी का उपयोग कर सकते हैं?

    नहीं, नैनो डीएपी (तरल) को फसलों के महत्वपूर्ण विकास चरणों में केवल बीज उपचार और फोलियर स्प्रे के रूप में लगाने की सिफारिश की जाती है

  • नैनो डीएपी (तरल) की कीमत क्या है? क्या यह पारंपरिक डीएपी से ज्यादा है?

    रु. 600 प्रति बोतल (500 मिली); यह परंपरागत डीएपी से सस्ता है।

  • नैनो डीएपी (तरल) का उपयोग करने की समय-सारणी क्या है?

    फसलें

    नैनो डीएपी

    बीज / अंकुर उपचार

    नैनो डीएपी छिड़काव @ 2-4 मिली/लीटर

    अनाज

    (गेहूं, जौ, मक्का, बाजरा, धान आदि।

    अंकुर की जड़ें डुबाने के लिए 3-5 मिली/किग्रा बीज या @ 3- 5 मिली / लीटर पानी

    जुताई (30-35 डीएजी या 20-25 डीएटी)

    दाल

    (चना, अरहर, मसूर, मूंग, उड़द आदि)

    3-5 मिली/किग्रा बीज

    ब्रांचिंग (30-35 डीएजी)

    तिलहन

    (सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी आदि)

    3-5 मिली/किग्रा बीज

    ब्रांचिंग (30-35 डीएजी)

    सब्ज़ियाँ

    (आलू, प्याज, लहसुन, मटर, बीन्स, कोल की फसलें आदि)

    डायरेक्ट सीड: 3-5 मिली / किग्रा बीज;

    रोपे गए पौधों की जड़ें 3- 5 मिली/लीटर पानी की दर से

    ब्रांचिंग (30-35 डीएजी)

    रोपाई (20-25 डीएटी)

    कपास

    3-5 मिली/किग्रा बीज

    ब्रांचिंग (30-35 डीएजी)

    गन्ना

    3-5 मिली / लीटर पानी

    जुताई की प्रारम्भिक अवस्था में (रोपण के 45-60 दिन बाद)

  • नैनो डीएपी (तरल) की पैकिंग का आकार क्या है?

    500 मिली

  • मैं नैनो डीएपी (तरल) कहां से प्राप्त कर सकता हूं?

    नैनो डीएपी (तरल) इफको सदस्य सहकारी समितियों, (पीएसीएस), प्रधान मंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके), किसान सेवा केंद्रों: इफको बाजार केंद्रों और खुदरा दुकानों पर उपलब्ध है। अब किसान इसे www.iffcobazar.in पर से ऑनलाइन से भी मंगवा सकते हैं।